मीन राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा में रत्न धारण करने की सलाह
मीन राशि (Pisces) के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और उनके प्रभाव का बड़ा महत्व होता है। जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनकी दशा के अनुसार सही रत्न धारण करने से जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त की जा सकती है। यह लेख आपको मीन राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्न धारण करने की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
मीन राशि के स्वामी ग्रह और उनके प्रभाव
मीन राशि का स्वामी ग्रह गुरु (बृहस्पति) होता है। यह ग्रह ज्ञान, बुद्धि, आध्यात्मिकता और समृद्धि का कारक है। इस राशि के जातकों को गुरु से जुड़े रत्नों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन अन्य ग्रहों की दशा और कुंडली में उनकी स्थिति के आधार पर भी रत्न धारण किए जा सकते हैं।
1. बृहस्पति (गुरु) की दशा में कौन सा रत्न पहनें?
रत्न: पुखराज (Yellow Sapphire)
कब धारण करें? यदि जन्मकुंडली में बृहस्पति कमजोर हो, नीच राशि में स्थित हो, शत्रु ग्रहों से ग्रस्त हो, या महादशा/अंतर्दशा में अशुभ प्रभाव दे रहा हो, तो पुखराज धारण करना शुभ रहेगा।
लाभ: पुखराज धारण करने से बुद्धि तेज होती है, शिक्षा, करियर, विवाह और धन संबंधी बाधाएं दूर होती हैं। यह आध्यात्मिकता को भी बढ़ाता है।
कैसे धारण करें?
धातु: सोने या पीले धातु में जड़वाकर पहनें।
उंगली: तर्जनी (अंगूठे के पास वाली उंगली) में धारण करें।
दिन: गुरुवार
मंत्र: "ॐ बृं बृहस्पतये नमः"
वजन: 5-7 कैरेट शुभ होता है।
2. शनि की दशा में कौन सा रत्न पहनें?
रत्न: नीलम (Blue Sapphire) या अमेथिस्ट
कब धारण करें? शनि की महादशा या अंतर्दशा में यदि शनि कुंडली में शुभ स्थान पर हो, लेकिन कुछ कमजोर हो, तो नीलम धारण किया जा सकता है।
लाभ: शनि से संबंधित बाधाएं दूर होती हैं, करियर में स्थिरता आती है, कर्ज और शत्रु संबंधी परेशानियां कम होती हैं।
कैसे धारण करें?
धातु: चांदी या प्लेटिनम में जड़वाकर पहनें।
उंगली: मध्यमा (मध्य उंगली) में धारण करें।
दिन: शनिवार
मंत्र: "ॐ शं शनैश्चराय नमः"
वजन: 4-6 कैरेट शुभ रहता है।
> नोट: नीलम बहुत शक्तिशाली रत्न होता है, इसलिए इसे पहनने से पहले 3-4 दिन परीक्षण करके देखना आवश्यक है।
3. राहु की दशा में कौन सा रत्न पहनें?
रत्न: गोमेद (Hessonite Garnet)
कब धारण करें? यदि राहु कुंडली में कष्टकारी हो, भ्रम, मानसिक तनाव, गलत निर्णय, या अपयश दिला रहा हो, तो गोमेद धारण करें।
लाभ: राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है, मानसिक स्थिरता और सफलता दिलाता है।
कैसे धारण करें?
धातु: चांदी में जड़वाकर पहनें।
उंगली: मध्यमा उंगली में धारण करें।
दिन: शनिवार
मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"
वजन: 5-7 कैरेट शुभ होता है।
4. केतु की दशा में कौन सा रत्न पहनें?
रत्न: लहसुनिया (Cat’s Eye)
कब धारण करें? यदि केतु की दशा में अचानक बाधाएं, दुर्घटनाएं, मानसिक अस्थिरता या आध्यात्मिक उन्नति की आवश्यकता हो, तो लहसुनिया धारण करें।
लाभ: केतु के बुरे प्रभावों को कम करता है और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाता है।
कैसे धारण करें?
धातु: चांदी में जड़वाकर पहनें।
उंगली: छोटी उंगली में धारण करें।
दिन: मंगलवार
मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"
वजन: 3-6 कैरेट शुभ होता है।
5. सूर्य की दशा में कौन सा रत्न पहनें?
रत्न: माणिक्य (Ruby)
कब धारण करें? यदि सूर्य कमजोर हो, सरकारी कार्यों में बाधा आ रही हो, आत्मविश्वास की कमी हो, तो माणिक्य धारण करें।
लाभ: आत्मविश्वास, सफलता और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है।
कैसे धारण करें?
धातु: सोने में जड़वाकर पहनें।
उंगली: अनामिका (रिंग फिंगर) में धारण करें।
दिन: रविवार
मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"
वजन: 3-5 कैरेट शुभ होता है।
6. चंद्र की दशा में कौन सा रत्न पहनें?
रत्न: मोती (Pearl)
कब धारण करें? यदि चंद्रमा कमजोर हो, मानसिक अशांति, भावनात्मक अस्थिरता, या माता से संबंध बिगड़ रहे हों, तो मोती धारण करें।
लाभ: मन को शांति मिलती है, मानसिक स्थिरता बढ़ती है और सौभाग्य प्राप्त होता है।
कैसे धारण करें?
धातु: चांदी में जड़वाकर पहनें।
उंगली: छोटी उंगली में धारण करें।
दिन: सोमवार
मंत्र: "ॐ सों सोमाय नमः"
वजन: 3-6 कैरेट शुभ होता है।
7. मंगल की दशा में कौन सा रत्न पहनें?
रत्न: मूंगा (Red Coral)
कब धारण करें? यदि मंगल की दशा में दुर्घटनाएं, कोर्ट-कचहरी, शत्रु भय, या साहस की कमी हो, तो मूंगा धारण करें।
लाभ: ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
कैसे धारण करें?
धातु: तांबा या सोने में जड़वाकर पहनें।
उंगली: अनामिका (रिंग फिंगर) में धारण करें।
दिन: मंगलवार
मंत्र: "ॐ अं अंगारकाय नमः"
वजन: 5-7 कैरेट शुभ होता है।
निष्कर्ष
मीन राशि के जातकों को रत्न धारण करने से पहले कुंडली का सही विश्लेषण करवाना चाहिए। गलत रत्न पहनने से नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। हमेशा योग्य ज्योतिषी से परामर्श करके ही रत्न धारण करें। सही रत्न आपके जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और शांति ला सकता है।
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