वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न

  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही ह ो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


  



 वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा और रत्न 


परिचय


वृषभ राशि (Taurus) का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है। यह राशि स्थिर प्रकृति की होती है और इसका संबंध भौतिक सुख-सुविधाओं, सौंदर्य, कला, प्रेम और धन-संपत्ति से होता है। वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उचित रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। इस लेख में हम वृषभ राशि के जातकों के लिए विभिन्न ग्रहों की दशा में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और उनके प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।


1. वृषभ राशि का प्रमुख रत्न: हीरा (Diamond)

कब धारण करें?

जब शुक्र ग्रह नीच, अशुभ स्थिति में हो या कमजोर हो

जब शुक्र की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा चल रही हो

जब कुंडली में शुक्र 6, 8 या 12वें भाव में स्थित हो

जब वृषभ राशि का जातक आर्थिक संकट, वैवाहिक परेशानी या सुंदरता से जुड़े मामलों में समस्या झेल रहा हो

हीरा धारण करने के फायदे

भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि

वैवाहिक जीवन में सुधार

प्रेम संबंधों में मजबूती

सौंदर्य और आकर्षण में वृद्ध

मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है

हीरा पहनने का तरीका

धातु: सोना या प्लैटिनम

अंगुली: मध्यमा या अनामिका

वजन: 0.5 से 1 कैरेट

दिन: शुक्रवार

मंत्र: "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शुक्रवार के दिन सुबह 5-7 बजे के बीच गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा करके पहनें।

2. बुध की दशा में: पन्ना (Emerald)मेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

>कब धारण करें?

जब बुध कमजोर हो और बुध की महादशा चल रही हो

जब वृषभ राशि का जातक व्यवसाय में नुकसान झेल रहा हो

जब बुद्धि और तर्क शक्ति कमजोर हो

पन्ना धारण करने के फायदे

व्यापार और नौकरी में सफलता

वाणी में मिठास और प्रभावशाली संवाद शैली

स्मरण शक्ति में वृद्धि

निर्णय क्षमता मजबूत होती है

पन्ना पहनने का तरीका

धातु: सोना या चांदी

अंगुली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली)

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: बुधवार

मंत्र: "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: बुधवार को सुबह गंगाजल में डुबोकर पूजा करें और पहनें।

3. सूर्य की दशा में: माणिक्य (Ruby)

कब धारण करें?

जब सूर्य कमजोर हो और उसकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब व्यक्तित्व कमजोर महसूस हो

जब सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही हों

माणिक्य धारण करने के फायदे

आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है

सरकारी कार्यों में सफलता

पिता से संबंध अच्छे होते हैं

समाज में मान-सम्मान बढ़ता है

माणिक्य पहनने का तरीका

धातु: सोना या तांबा

अंगुली: अनामिका

वजन: 3 से 5 कैरेटमेष राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा, रत्न और उनके प्रभाव

दिन: रविवार

मंत्र: "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: रविवार को सूर्योदय के समय गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के बाद पहनें।

4. शनि की दशा में: नीलम (Blue Sapphire)

कब धारण करें?

जब शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया चल रही हो

जब व्यवसाय या करियर में रुकावटें आ रही हों

जब शत्रु बढ़ रहे हों और कोर्ट-कचहरी के मामले चल रहे हों

नीलम धारण करने के फायदे

करियर और व्यवसाय में उन्नति

शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

मन की शांति और स्थिरता

अचानक धन लाभ

नीलम पहनने का तरीका

धातु: चांदी या लोहे की अंगूठी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 6 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को तेल में डुबोकर शुद्ध करें और शनि मंदिर में दान करने के बाद पहनें।

5. राहु की दशा में: गोमेद (Hessonite)

कब धारण करें?

जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अचानक समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ रहे हों

जब नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो

गोमेद धारण करने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

निर्णय क्षमता में वृद्धि

मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता

गोमेद पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: मध्यमा

वजन: 4 से 7 कैरेट

दिन: शनिवार

मंत्र: "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: शनिवार को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और पहनें।

6. केतु की दशा में: लहसुनिया (Cat's Eye)

कब धारण करें?

जब केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो

जब अज्ञात भय या अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो

लहसुनिया धारण करने के फायदे

अचानक दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

आध्यात्मिक उन्नति

मन की शांति और मानसिक स्पष्टता

लहसुनिया पहनने का तरीका

धातु: चांदी

अंगुली: अ

नामिका

वजन: 3 से 5 कैरेट

दिन: गुरुवार

मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"

ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: गुरुवार को गंगाजल से शुद्ध करें और पहनें।

निष्कर्ष

वृषभ राशि के जातकों को ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। यदि रत्न सही तरीके से पहना जाए तो यह जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह आपके लिए शुभ फलदायी होगा या नहीं।


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