शनि साढ़े साती – राशियों पर प्रभाव व उपाय

  

शनि साढ़े साती – राशियों पर प्रभाव व उपाय

शनि ग्रह की साढ़े सात वर्ष तक चलने वाली दशा को साढ़े साती कहते हैं। साढ़े साती जीवन का चरण है जो किसी जीवित व्यक्ति के संपूर्ण जीवनकाल में निश्चित तौर पर कम से कम एक या एक से अधिक बार जरुर आती है। आईये जानते हैं कि अलग-अलग राशियों पर कब-कब है साढ़े साती का प्रभाव–


साढ़े साती क्या है?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार साढ़े साती, शनि ग्रह (नवग्रहों में से एक ग्रह) की साढ़े सात साल तक चलने वाली एक तरह की ग्रह दशा है। खगोलशास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में मौजूद सभी ग्रह एक राशि से दूसरे राशि में घूमते रहते हैं। इन सब में शनि ग्रह सबसे धीमी गति से घूमने वाला ग्रह है।

यह एक से दूसरी राशि तक गोचर करने में ढाई वर्ष का समय लेता है। गोचर करते हुए शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि या नाम की राशि में स्थित होता है, वह राशि, उससे अगली राशि और बारहवीं स्थान वाली राशि पर साढ़े साती का प्रभाव होता है। तीन राशियों से होकर गुजरने में इसे सात वर्ष और छः महीने मतलब साढ़े सात वर्ष का समय लगता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार इसे ही शनि की साढ़े साती के नाम से जाना जाता है।

पुराणों के अनुसार शनि को सूर्य और छायां का पुत्र और यमराज एवं यमुना का भाई माना गया है। शनि का रंग नीला माना गया है। यदि यमलोक के “अधिपति” यमराज हैं, तो शनि को वहां का “दंडाधिकारी” कहा जाता है।

साढ़े साती का असर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि एक पापी ग्रह होता है, किसी भी जातक की कुंडली में इसकी उपस्थिति अशुभ और व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने वाली मानी जाती है। शनि साढ़े साती की गणना चंद्र राशि पर आधारित होती है। शनिदेव को 'कर्मफल दाता' रूप में माना गया है। ऐसा कहा जाता है मनुष्य जो भी कर्म करेगा उसका फल शनिदेव उसे देते हैं। इसलिए हर किसी को शनि से डरने की जरूरत नहीं है।जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ होता है, उन लोगों के लिए साढ़े साती का समय काफी फलदायक होती है और इस दौरान वैसे लोग बहुत तरक्की करते हैं।

साढ़े साती के समय अगर आपके काम रुकने लगे और लाख परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं प्राप्त हो, तो इसका मतलब है कि यह शनिदेव का प्रकोप है जो आपको पीड़ित कर रहा है। ऐसी स्थिति में जातक शनिदेव को खुश करने के उपाय करके अपने नुकसान और हो रही परेशानियों को कम कर सकता है।

साढ़े साती के चरण

अगर किसी व्यक्ति को यह मालूम हो जाये की उसकी राशि में शनि की साढ़े साती चल रही है, तो यह सुनकर ही वह व्यक्ति मानसिक दबाव में आ जाता है। आने वाले समय में किस तरह की घटनाओं का सामना उसे करना पड़ेगा उसे ले कर तरह-तरह के विचार मन में आने लगते है।

शनि की साढ़े साती को लेकर अक्सर यह बात कही जाती है कि इसका प्रभाव केवल बूरा होता है जबकि ऐसा नहीं है इस आर्टिकल की शुरुआत में ही हमने आपको बताया था कि शनि देवता को कर्मदेव भी कहते है जो आपको आपके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसीलिए इसका प्रभाव क्या होगा यह जातक के कर्मों पर निर्भर करता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के बारहवें, पहले, दूसरे और जन्म के चंद्र के ऊपर से होकर गुजरे तो उसे शनि की साढ़े साती कहते हैं। शनि के इस भ्रमण को तीन अलग-अलग चरणों में बांटा गया है। इन तीनों अवधि में से दूसरा चरण व्यक्ति के लिए सबसे कष्टदायी माना जाता है।

आईये जानते हैं साढ़े साती के विभिन्न चरणों के बारे में -

शास्त्रों के अनुसार साढ़े साती को तीन चरण में बाँट दिया गया है। साढ़े साती का पहला चरण धनु, वृ्षभ, सिंह राशि वाले लोगों के लिए कष्टकारी रहता है। दूसरा या मध्य चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक राशियों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।अन्तिम या तीसरा चरण मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिकमीन राशि के लिए कष्टदायक माना जाता है.

इसके अलावा शनि की साढ़े साती तीनों चरणों में निम्न रुप से प्रभाव डाल सकती है–

पहला या प्रथम चरण – प्रथम चरण में शनि जातक के मस्तक पर रहता है। इसमें व्यक्ति को आर्थिक कठिनाईओं का सामना करना पड़ता है, जितनी आमदनी होती है उससे ज्यादा खर्च होते हैं। व्यक्ति को नींद से जुड़ी समस्याओं साथ ही और भी प्रकार की स्वास्थ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सोचे गए कार्य पूरे नहीं होते और धन से जुड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। दाम्पत्य जीवन में कठिनाईयां आती हैं और मानसिक चिंताओं में बढ़ोतरी होती है।

दूसरा या द्वितीय चरण – साढ़े साती की इस अवधि में व्यक्ति को व्यवसायिक तथा पारिवारिक जीवन में उतार-चढाव का सामना करना पड़ता है। जातक को अपने रिश्तेदारों से कष्ट प्राप्त होते है। उसे घर -परिवार से दूर रहना साथ ही लम्बी यात्राओं पर भी जाना पड़ सकता है। व्यक्ति को शारीरिक रोगों को भोगना पड़ सकता है। धन-संपति से जुड़े मामले भी परेशान कर सकते हैं। इस चरण में समय पर मित्रों का सहयोग नहीं मिलता है और किसी भी कार्य को करने के लिए सामान्य से अधिक कोशिश करनी पड़ती है। इन सब के अलावा वह आर्थिक परेशानियां से भी घिरा रह सकता है।

तीसरा या तृतीय चरण – साढ़े साती के तीसरे चरण में व्यक्ति को भौतिक सुखों का लाभ नहीं मिलता और उसके अधिकारों में कमी आती है। जितनी आमदनी होती है उससे ज्यादा खर्च होते हैं। स्वास्थय से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संतान से विचारों में भिन्नता उत्पन्न ही जाती है और वाद-विवाद के योग बनते है। अगर संक्षेप में देखे तो यह अवधि व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। जिस लोगों की जन्म राशि में शनि की साढ़े साती का तीसरा चरण चल रहा हो, वैसे लोगों को किसी भी तरह के वाद-विवाद से बच कर रहना चाहिए।

इन तीन चरणों के अलावा, दो चरण और भी होते हैं हैं, जिन्हें अशुभ माना जाता है। ये दो चरण भी शनि "पारगमन" के कारण होते हैं जो आमतौर पर "शनि ढैया" के नाम से जाना जाता है।

साढ़े साती या शनि दोष के उपाय

  • साढ़े साती के दौरान ग्रह शनि को खुश करने के लिए प्रत्येक शनिवार को भगवान शनि की पूजा करना सबसे अच्छा उपाय है।
  • आप साढ़े साती के दोषपूर्ण प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषीय सलाह लेने के बाद नीलम जैसे रत्न पहन सकते हैं।
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना भी उपयोगी हो सकता है।
  • शनि ग्रह मंत्र को 80,000 बार सुशोभित करें।
  • अपने दाहिने हाथ की मध्य उँगली में लोहे की अंगूठी पहनें, ध्यान रहे कि यह अंगूठी घोड़े की नाल से बनी होनी चाहिए।
  • "शिव पञ्चाक्षरि" और महा मृत्युंजय मंत्र को पढ़ते हुए भगवान शिव की पूजा करें।
  • शनिवार को गरीबों और जरूरतमंद लोगों को भोजन और वस्त्र आदि दें। कला चना, सरसों का तेल, लोहे का सामान, काले कपड़े, कंबल, भैंस, धन आदि जैसी चीज़ों का दान किया जाना चाहिए।
  • हर शनिवार तांबा और तिल के तेल को शनि देव पर चढ़ाएं।
  • शनि देव को खुश करने के लिए हर शनिवार दूध या पानी डालें।
  • रोज़ाना "शनि स्तोत्र" का पाठ करें।
  • प्रतिदिन "शनि कवचम" का उच्चारण करें।
  • कौवे को अनाज और बीज खिलाएं।
  • काली चींटियों को शहद और चीनी खिलाएं।
  • भिखारी और शारीरिक रूप से विकलांग को दही-चावल का दान करें।

साढ़े साती की अवधि के दौरान किन गतिविधियों से बचना चाहिए?

साढ़े साती एक ऐसी अवधि है जो मानव मन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। आइए देखें कि साढ़े साती चरण के दौरान हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए: -

  • हमें किसी भी जोखिम से भरे कार्य को करने से बचना चाहिए।
  • साढ़े साती के दौरान हमें घर पर या कार्य स्थल पर किसी भी तरह के तर्क-वितर्क से बचना चाहिए।
  • ड्राइविंग करते समय हमें सतर्क रहना चाहिए।
  • हमें रात्रि के समय अकेले यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • हमें किसी भी औपचारिक या कानूनी समझौते में फंसने से बचना चाहिए।
  • हमें शनिवार और मंगलवार को शराब बिलकुल नहीं पीनी चाहिए।
  • हमें शनिवार और मंगलवार को काले कपड़े या चमड़े के सामान खरीदने से बचना चाहिए।
  • हमें किसी भी तरह के अवैध या गलत चीज़ों में भाग लेने से बचना चाहिए।

शनि को ज्योतिष में सबसे अधिक अनिष्टकारी ग्रह माना जाता है। हालांकि, यह हमेशा सच नहीं होता है, शनि आपके कार्यों और कर्मों के आधार पर न्याय करता है। यदि आप अच्छे कर्म करते हैं, तो यह निश्चित रूप से आपको उसका फल प्रदान करता है। हाँ आपके अच्छे कर्मों का परिणाम आने में देरी जरूर हो सकती है, लेकिन यह निश्चित रूप से आपको प्राप्त होता है। साढ़े साती मानव जाति के लिए हमेशा से ही भय और उत्सुकता भरा विषय रहा है। शनि साढ़े साती लोगों को अच्छे और बुरे दोनों तरह के समयों का अनुभव कराती है।

शनि मूल रूप से आपके धैर्य की परीक्षा लेते हुए आपको आपके कर्मों का फल देता है। अतः हम शनि को एक "न्यायधीश" की तरह मान सकते हैं जो हमे हमारे कर्मों के अनुसार फल देता है। हमें उम्मीद है कि यह साढ़े साती कैलकुलेटर आपके लिए फायदेमंद होगा और आशा करते है कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपके लिए फायदेमंद रहेगी।

शनि देव की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।

वक्री ग्रह कैलेंडर 2025

 

 

वक्री ग्रह कैलेंडर 2025

वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 एस्ट्रोसेज की एक विशेष पेशकश है। इस कैलेंडर में आपको वर्ष 2025 के दौरान कौन-कौन से ग्रह कब-कब वक्री अवस्था में आएंगे और कब वक्री से मार्गी अवस्था में आएंगे, इस बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। हम यह मानते हैं कि आपको ग्रहों की वक्री और मार्गी चाल के बारे में वर्ष 2025 के दौरान कब-कब यह स्थितियां बनेंगी, उनके बारे में समस्त जानकारी होनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर हम आपको बताने वाले हैं कि वर्ष 2025 में कौन सा ग्रह कितनी तारीख को वक्री अवस्था में आएगा और उस समय वह किस राशि में होगा तथा उसकी वक्री अवस्था कब समाप्त होगी, कब वह मार्गी अवस्था में आएगा और किस राशि में उसकी उपस्थिति रहेगी। इससे आपको वर्ष 2025 के दौरान ग्रहों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हो पाएंगी।




यहां पढ़ें वक्री ग्रह कैलेंडर 2025
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वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की चाल का बड़ा महत्व है। कोई ग्रह धीमा चलता है तो कोई ग्रह तेज चलता है और कोई बहुत तेज चलता है। कभी कोई ग्रह अतिचारी हो जाता है, तो कभी कोई ग्रह स्थिर अवस्था में भी आता हुआ प्रतीत होता है। इसी प्रकार, ग्रह उदय और अस्त होते हैं तथा ग्रह वक्री अवस्था और मार्गी अवस्था में भी चलते हैं। ज्योतिष के क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष ऐसी स्थिति आती है जब ग्रह वक्री अवस्था में आ जाते हैं। किसी ग्रह की वक्री अवस्था बहुत महत्वपूर्ण अवस्था होती है क्योंकि वक्री अवस्था से युक्त ग्रह में चेष्टा बल की बढ़ोतरी हो जाती है जो अपने फल देने में मजबूती प्राप्त कर लेता है और आपको अच्छे अथवा बुरे, अपने स्वभाव और कुंडली में अपनी उपस्थिति के कारण अच्छे और बुरे फल मजबूती से देने लगता है इसलिए हमें यह जानना आवश्यक हो जाता है कि कोई ग्रह कब वक्री अवस्था में आने वाला है।








जानिए क्या होता है वक्री ग्रह


वैदिक ज्योतिष में यदि ग्रहों की बात की जाए तो, मुख्य रूप से सात ग्रह माने गए हैं जिसमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, ये मुख्य सात ग्रह हैं। इनके अतिरिक्त दो छाया ग्रह हैं जिन्हें राहु और केतु के रूप में पहचाना जाता है।




वास्तव में वक्र का अर्थ होता है टेढ़ा। सभी ग्रह अपने परिक्रमा पथ में सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं और पृथ्वी से देखने पर उन ग्रहों की गति का आकलन किया जाता है तो कुछ विशेष स्थिति में ग्रह पृथ्वी से बहुत ज्यादा निकट आ जाते हैं और कुछ अत्यंत दूर हो जाते हैं। ऐसे में, जब कोई ग्रह पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष निकटतम बिंदु तक पहुंच जाता है, तब पृथ्वी से उसे देखने पर ऐसा लगने लगता है कि मानो वह उल्टी दिशा में चलने लगा हो। इसी उल्टी चाल को ज्योतिष की भाषा में वक्री होना कहा जाता है जबकि कोई भी ग्रह उल्टी चाल नहीं चलता अपितु पृथ्वी के सापेक्ष उसकी गति को देखते हुए ऐसा महसूस होता है कि वह उल्टा चल रहे हैं, जैसे कि एक ही दिशा में जा रही दो रेलगाड़ियों में जो तीव्र गति की रेलगाड़ी है उसे उसी की दिशा में चलने वाली धीमी गति की रेलगाड़ी उल्टी चलती हुई दिखाई देती है, इसी स्थिति को वक्री होना कहते हैं।




जब कोई ग्रह अपनी मार्गी अवस्था से वक्री अवस्था में आता है और अपनी वक्री अवस्था से मार्गी अवस्था में आता है, तो उसके प्रभाव देने की क्षमता और उसके प्रभावों में विभिन्न प्रकार के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यदि वक्री ग्रहों की बात करें, तो राहु और केतु सदैव वक्री चाल चलते हैं और यह कभी मार्गी अवस्था में नहीं आते हैं। अन्य मुख्य सात ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा सदैव मार्गी अवस्था में रहते हैं और यह कभी भी वक्री नहीं होते हैं, लेकिन अन्य पांच ग्रह यानी कि मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि समय-समय पर मार्गी से वक्री अवस्था में और वक्री से मार्गी अवस्था में आ जाते हैं। इस प्रकार, यह मानव जीवन को प्रभावित करते रहते हैं।






चलिए अब जानते हैं वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 के अनुसार कौन सा ग्रह कब वक्री होगा:


वक्री ग्रह कैलेंडर 2025: वक्री ग्रह 2025 तिथि और समय


ग्रह वक्री गति प्रारंभ वक्री गति समाप्त इस राशि से इस राशि में


बृहस्पति ग्रह 09 अक्टूबर 2024 की प्रातः 10 बजकर 01 मिनट से 04 फरवरी 2025 वृषभ राशि वृषभ राशि


11 नवंबर 2025 को सायंकाल 6:31 बजे से 11 मार्च 2026 कर्क राशि मिथुन राशि


शनि ग्रह 13 जुलाई 2025 की प्रातः 07:24 बजे से 28 नवंबर 2025 मीन राशि मीन राशि


मंगल ग्रह 07 दिसंबर 2024 की सुबह 04 बजकर 56 मिनट से 24 फरवरी 2025 कर्क राशि मिथुन राशि


शुक्र ग्रह 2 मार्च 2025 की प्रातः 05 :12 बजे से 13 अप्रैल 2025 मीन राशि मीन राशि


बुध ग्रह 15 मार्च 2025 को दोपहर 11:54 बजे से 07 अप्रैल 2025 मीन राशि मीन राशि


18 जुलाई 2025 की प्रातः 09:45 बजे से 11 अगस्त 2025 कर्क राशि कर्क राशि


10 नवंबर 2025 को प्रातः 00:03 बजे से 29 नवंबर 2025 वृश्चिक राशि तुला राशि


शुक्र ग्रह वक्री और उसके प्रभाव

शुक्र ग्रह को नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह माना जाता है। यह सौरमंडल का सबसे चमकीला ग्रह है और इसे भोर का तारा भी कहा जाता है। यह किसी भी जातक की कुंडली में अनुकूल होने पर जातक को भोग, विलास, सभी प्रकार के भौतिक सुख, सुविधा प्रदान करता है और अंतरंग संबंधों का कारक भी है। इसकी अशुभता से या कुंडली में अनुकूल स्थिति न होने पर जातक को यौन समस्याएं और प्रेम की कमी भी महसूस हो सकती है। बुध ग्रह के बाद शुक्र ग्रह सबसे तेज गति से सूर्य का चक्कर लगाने वाला ग्रह है।‌ यह लगभग 23 दिन में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। शुक्र ग्रह को खूबसूरती का कारक ग्रह भी माना जाता है। महालक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए भी शुक्र ग्रह की पूजा की जाती है।




यदि जातक की कुंडली में शुक्र की स्थिति अनुकूल नहीं है, तो स्त्री-पुरुष के आपसी संबंध कमजोर हो जाते हैं और जीवन में प्रेम की कमी आ जाती है। सुख-सुविधाओं की कमी होती है और जीवन में खुशी और रस नहीं रहता। प्रेम में पछतावा या धोखा मिलने की स्थितियां भी बन सकती हैं। वहीं, यदि शुक्र शुभ स्थिति में हो, तो इन सभी स्थितियों को बढ़ा देता है। शुक्र यदि उच्च का होकर अशुभ परिस्थितियों से योग बन रहा हो, तो जातक विवाहेतर संबंधों के प्रति आकर्षित हो जाता है। शुक्र ग्रह नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह है। यदि यह वक्री अवस्था में हो जाए तो जातक को पारिवारिक संबंधों में तनाव का सामना करना पड़ सकता है और जीवनसाथी से संबंध बिगड़ सकते हैं। यहां तक कि जातक के निजी जीवन की समस्याओं में बढ़ोतरी होती है। लेकिन, यदि वक्री शुक्र शुभ अवस्था में हो, तो जातक के जीवन में नए प्रेम संबंधों का शुभारंभ होता है। कोई व्यक्ति यदि जीवन में अकेला है, तो उसके जीवन में प्रेम दस्तक देने लगता है।




कुंवारों का विवाह होने लगता है और जातक अपनी सुख-सुविधाओं पर दिल खोलकर खर्च करते हैं जैसे ब्रांडेड चीज खरीदना, ब्रांडेड कपड़े पहनना, नए-नए गैजेट खरीदना, उसके शौक बन जाते हैं। नया मोबाइल कौन सा आया है, वह उसे लेने के लिए लालायित रहते हैं। वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 के अनुसार, वक्री शुक्र भी 2025 में लोगों के जीवन को अनेक रूपों में प्रभावित करेगा। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह अच्छी स्थिति में है, उन्हें वक्री अवस्था में भी कुछ अच्छे परिणाम मिलेंगे। लेकिन, थोड़े ज्यादा प्रयास करने के बाद जबकि जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ अवस्था में है, उन्हें वक्री अवस्था में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उनके आपसी प्रेम संबंध बिगड़ सकते हैं और रिश्तों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 उपाय: शुक्र ग्रह के उपाय के रूप में शुक्रवार के दिन छोटी कन्याओं के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लें और उन्हें सफेद मिठाई भेंट करें। आप माँ भगवती को लाल गुड़हल का पुष्प भी अर्पित कर सकते हैं।




बुध ग्रह वक्री और उसके प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है। यह वैसे तो शुभ ग्रह माना जाता है, लेकिन कुंडली में जिस भाव में होता है और जिन ग्रहों के प्रभाव में होता है, उन्हीं के अनुसार अच्छे और बुरे परिणाम प्रदान करता है। बुध को संदेशवाहक माना जाता है। यह कम्युनिकेशन देता है। जातक की कम्युनिकेशन कैसी होगी, उसकी संवाद शैली से लोग प्रभावित होंगे अथवा उसके दुश्मन बन जाएंगे, यह सब कुछ बुध पर निर्भर रहता है। बुध व्यापार का कारक ग्रह भी है और यह आपको तेज बुद्धि प्रदान करता है जिससे शिक्षा से लेकर व्यवसाय तक सभी क्षेत्रों में बुध की कृपा प्राप्त कर लोग जीवन में बहुत ज्यादा तरक्की प्राप्त करते रहते हैं। बुध प्रधान व्यक्ति हास्य विनोद प्रिय होते हैं और हाजिर जवाब होते हैं। बुध से प्रभावित व्यक्ति अच्छे वक्ता होते हैं और किसी को भी अपनी वाणी से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।




बुध ग्रह का वक्री होना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, भले ही यह सबसे कम अवधि में गोचर करने वाला ग्रह है और एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 14 दिन में गोचर कर जाता है, इसे ग्रहों का राजकुमार भी कहते हैं। लेकिन, जब बुध ग्रह वक्री होता है, तो जातक की कम्युनिकेशन में अचानक से बदलाव आ सकता है और उसके बनते हुए काम भी बिगड़ सकते हैं। उसके व्यवहार में भी और उसकी तार्किक क्षमता में भी बदलाव आने लगते हैं जो उसको अनेक रूपों में प्रभावित करते हैं। बुध ग्रह की चाल तीव्र होती है और यही वजह है कि एक साल में लगभग तीन से चार बार वक्री अवस्था में आ जाते हैं जबकि अन्य ग्रह लगभग एक बार ही वक्री होते हैं।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 के अनुसार, ऊपर हम यह जान चुके हैं कि वर्ष 2025 में बुध ग्रह कब वक्री होगा इसलिए जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ अवस्था में हैं, तो बुध वक्री अवस्था के दौरान उनकी तार्किक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। उनका व्यवहार और सोचने-समझने की शक्ति अच्छी रहेगी। जातक वकालत के क्षेत्र में भी प्रगति करेगा और उसका व्यापार भी ऊंचाइयां प्राप्त करेगा जबकि जिन जातकों की कुंडली में बुध अशुभ है, उन्हें बुध ग्रह की वक्री अवस्था में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। त्वचा रोग, मानसिक समस्याएं, फ्लू और सर्दी जैसी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। मानसिक अस्थिरता या फिर नींद से जुड़ी समस्या घेर सकती हैं। इस दौरान जातक के मन में कई बार भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। बुध वक्री होने के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों से अच्छे संबंध बनाकर रखने के लिए अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और तर्क की जगह कुतर्क करने से बचें।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 उपाय: वर्ष 2025 के दौरान वक्री बुध के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए गौ माता की सेवा करें और एक दिन पहले से भिगोकर रखी गई साबुत मूंग अपने हाथों से गौ माता को खिलाएं। इसके साथ ही आप हरा पालक अथवा हरा चारा भी खिला सकते हैं।






बृहस्पति ग्रह वक्री और उसके प्रभाव

बृहस्पति ग्रह को देवगुरु भी कहा जाता है और वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति सर्वाधिक शुभ ग्रह माना गया है। गुरु की दृष्टि भी अमृत समान मानी गई है। यह वृद्धि करने वाला ग्रह है। यदि कुंडली में गुरु शुभ स्थान से योग बनाता है, तो जीवन में संतान सुख, वैवाहिक सुख और उत्तम भाग्य की प्राप्ति करवाता है और जातक को धन-धान्य की प्राप्ति भी होती है। यदि बृहस्पति अशुभ हो, तो जातक को वसा जनित समस्याएं, निजी संबंधों में समस्या और धर्म के विपरीत कार्य करने वाला बना देते हैं।




बृहस्पति ज्ञान का कारक ग्रह है इसलिए सर्वाधिक शुभ ग्रहों में बृहस्पति का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। यह जातक को चिकित्सा, समृद्धि, आध्यात्मिक सफलता, विकास, संतान, शिक्षा, धन-धान्य, सौभाग्य, आदि प्रदान करते हैं और जातक के अंदर सात्विक गुणों की बढ़ोतरी करते हैं। बृहस्पति ग्रह की उत्तम स्थिति में जातक परोपकार और दया की भावना से भरा होता है और दूसरों की मदद करने को सदैव तत्पर रहता है। ऐसे जातक उत्तम प्रकृति के न्यायाधीश, कानून और फाइनेंस से संबंधित शिक्षा प्राप्त करने वाले, विदेश यात्राएं करने वाले और बड़े स्तर के व्यवसायी भी हो सकते हैं। यह जातक के अंदर ईमानदारी और ईश्वर के प्रति निष्ठा प्रदान करते हैं।




अशुभ अवस्था में देवगुरु बृहस्पति जातक को आलस से भर देते हैं जिससे उसके महत्वपूर्ण कार्यों में विलंब के योग बन जाते हैं। ऐसा जातक जल्दी ही थकावट महसूस करता है और जीवन में निराशा आने लगती है। ऐसे जातक के स्वभाव में भी बार-बार परिवर्तन आते हैं और उसका दांपत्य जीवन भी चुनौतियों से भर जाता है। कई बार रिश्ते की बात होकर भी टूट जाती है।




कुंडली में यदि बृहस्पति ग्रह शुभ अवस्था में हैं, तो अपनी वक्री अवस्था में यह जातक को आध्यात्मिकता के शीर्ष पर पहुंचा देते हैं। ऐसे व्यक्ति कथावाचक, उपदेशक या आध्यात्मिक गुरु भी बन सकते हैं। लेकिन, यदि अशुभ स्थिति में हों तो जातक पाखंड में विश्वास रखने वाला बनता है और लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने लगता है। हालांकि, आमतौर पर बृहस्पति ग्रह शुभ प्रभाव ही देते हैं जिससे जातक के जीवन में सुख-सुविधाओं की वृद्धि होती है।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 के अनुसार, वर्ष 2025 में बृहस्पति ग्रह वक्री होने पर जातकों के जीवन में कुंडली में अपनी स्थिति और दशा, महादशा के अनुसार अशुभ और शुभ दोनों प्रकार के परिणाम दे सकते हैं। यह जातक को आत्मविश्वास से भर सकते हैं और उसकी आत्मिक शक्ति और आध्यात्मिकता को बढ़ा सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए यदि कुंडली में उत्तम बृहस्पति हैं, तो वह वक्री अवस्था में एकाग्रता बढ़ाने का मौका देते हैं। जातक को सेल्स और मार्केटिंग के काम में भी सफलता देते हैं। इस दौरान गलत कार्य करने से बचना चाहिए, नहीं तो सरकारी दंड की प्राप्ति भी हो सकती है।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 उपाय: बृहस्पति वक्री2025 के दौरान आपको अपने परिवार के वृद्ध और गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। बृहस्पतिवार के दिन केले का वृक्ष लगाएं और पीपल वृक्ष को स्पर्श किए बिना जल अर्पित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा भी करनी चाहिए।






शनि ग्रह वक्री और उसके प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। यह सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं इसलिए मंद-मंद चलने के कारण इन्हें मंद और शनैश्चर भी कहा जाता है। यह लगभग ढाई वर्ष में अपनी राशि बदलते हैं। इनकी साढ़ेसाती और ढैया जातकों को विशेष प्रभाव देने वाली मानी जाती है। यह कर्मफल दाता और न्यायाधीश भी हैं इसलिए जातक को बिना किसी भेदभाव के उसके कर्मों के अनुसार अच्छे और बुरे परिणाम प्रदान करते हैं। यह जातक को सत्य से परीक्षित करते हैं। यह न्याय प्रिय ग्रह हैं जो जातक को जीवन में अनुशासन का महत्व समझाते हैं।




कर्म के कारक ग्रह होने के कारण जातक के कर्म और व्यवसाय का निर्धारण शनि ग्रह के अधीन आता है। जातक को नौकरी कैसी मिलेगी, कब मिलेगी और क्या उसकी भूमिका रहेगी, यह भी शनि की स्थिति देखकर पता लगाया जा सकता है। शनि देव सेवा के परिचायक ग्रह हैं इसलिए जातक को अपने अधीन काम करने वाले लोगों को खुश रखने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह जातक को ईमानदारी, विश्वसनीयता, निष्ठा तथा अनुशासन से जीवन व्यतीत करने का मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।




कुंडली में शुभ स्थिति में शनि होने पर जातक अच्छी मेहनत करता है और मेहनत के लिए उसे कभी पछताना नहीं पड़ता, बल्कि ऐसे जातक समाज, किसी क्षेत्र के मुखिया बन जाते हैं। वह रंक से राजा बनने की सामर्थ्य भी रखते हैं। शनि प्रधान व्यक्ति सामाजिक तौर पर भी उन्नति करते हैं और राजनीतिक क्षेत्र में भी उन्हें अच्छी सफलता मिल सकती है। शनि की शुभ स्थिति होने पर जातक जीवन में उत्तरोत्तर वृद्धि करता है और जैसे-जैसे उसकी आयु में बढ़ोतरी होती है, उसकी तरक्की होती चली जाती है। इसके विपरीत, कुंडली में अशुभ स्थिति में शनि होने पर जातक को आलस और शोक का सामना करना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में भी उसे हद से ज्यादा मेहनत करने के बाद अल्प परिणामों की प्राप्ति ही हो पाती है।




वैसे तो सभी ग्रह वक्री अवस्था में अलग-अलग प्रकार के प्रभाव देते हैं, लेकिन इन सभी ग्रहों में शनि देव का वक्री होना ज्यादा अनुकूल नहीं माना जाता है। यह चेष्टा बल प्राप्त कर लेते हैं, परंतु मंद होने के कारण अपनी वक्री अवस्था में और भी अधिक मंदता से यानी धीमी गति से फल देने लगते हैं। इससे जातक के कार्यों में विलंब आने लगता है और उसे पहले से भी ज्यादा प्रयास करने के बाद ही सफलता मिलने की स्थिति बन पाती है।




शनि देव की कुंडली में स्थिति यह जरूर बताती है कि यदि आप मेहनत करेंगे और सच्चे रहेंगे तो भले ही देर हो जाए, लेकिन आपको उसके शुभ परिणाम अवश्य ही मिलेंगे। वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 के अनुसार, शनि वक्री 2025 के दौरान अनेक जातकों के ऊपर शनि की स्थिति का शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ेगा, जो उनकी कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार उन्हें प्राप्त होगा इसलिए जातकों को सत्कर्म करने की तरफ अग्रसर रहना चाहिए और अपने कार्यों में विश्वसनीयता बनाए रखनी चाहिए।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 उपाय: शनि ग्रह वक्री 2025 के दौरान जातक को शनिवार के दिन शनि देव के दाहिने पांव की सबसे छोटी अंगुली पर थोड़े से सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजन और गरीबों को भोजन कराना चाहिए।






मंगल ग्रह वक्री और उसके प्रभाव

मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है और यह एक क्रूर ग्रह भी माना जाता है। लेकिन, अत्यंत शक्तिशाली होता है और हर परिणाम को जल्दी देता है। कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल की अशुभ स्थिति जातक को मांगलिक बनाती है जो दांपत्य जीवन में समस्याएं दे सकता है। लेकिन, यही मंगल अनुकूल परिस्थिति में होने पर जातक को कार्यक्षेत्र में उत्तम सफलता, उच्च पद की प्राप्ति और वर्दी वाली नौकरी भी प्रदान कर सकता है। अच्छी सरकारी नौकरी प्राप्त होने से जातक का सामाजिक रहन-सहन भी ऊंचा हो जाता है। यह अत्यंत ऊर्जावान ग्रह माना जाता है जो जातक को जीवन में ऊर्जा प्रदान करता है। एक मजबूत मंगल कुंडली में होने पर जातक किसी से भी डरता नहीं, वह निडर और बहादुर होता है और हर चुनौती का सामना डटकर करता है।




यदि मंगल आपकी कुंडली में अशुभ अवस्था में है, तो यह आपके लिए अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है। आपके अंदर क्रोध की अधिकता हो सकती है। आप बात-बात पर लड़ने वाले हो सकते हैं। आपके संबंध आपके भाई-बहनों से बिगड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, शुभ मंगल के कारण जातक को रक्त संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। उसका रक्तचाप अनियमित हो सकता है और चोट या दुर्घटना के योग भी बन सकते हैं।




यदि आपकी कुंडली में मंगल अच्छी अवस्था में है, तो यह आपको अचल संपत्ति प्रदान करता है क्योंकि यह भूमि का कारक ग्रह माना जाता है। इन्हें साहस और पराक्रम का देवता भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर में रक्त का संचालन करते हैं। इन्हीं के प्रभाव से जातक की नेतृत्व क्षमता में बढ़ोतरी होती है।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 के अनुसार, शुभ स्थिति में मंगल होने पर जब मंगल वक्री होता है, तो जातक को कार्यक्षेत्र में सफलताएं प्रदान करता है, लेकिन उससे ज्यादा मेहनत भी कराता है। हालांकि, जातक को उत्तम सफलता और उच्च पद की प्राप्ति भी कराता है। ऐसे जातक कुशल नेता के रूप में भी अपनी पहचान बनाने में माहिर होते हैं। वहीं, जातक की कुंडली में मंगल अशुभ होने पर वर्ष 2025 में मंगल के वक्री होने के दौरान जातक को चोट लगने, उसकी शल्य चिकित्सा होने, कोर्ट-कचहरी या पुलिस का सामना करने और बेवजह के झगड़े में फंसवाने की स्थिति भी बना सकता है। ऐसे में, जातक को दूसरों के झगड़े में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए, नहीं तो उनके झगड़े जातक के ऊपर आ सकते हैं। जातक को मानसिक उन्माद और क्रोध एवं अवसाद का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में, जातक को अच्छी सलाह देने वाले लोगों की बात माननी चाहिए, विशेष रूप से अपने भाइयों की सलाह मानकर काम करने से लाभ होता है।




वक्री ग्रह कैलेंडर 2025 उपाय: वर्ष 2025 के दौरान मंगल वक्री होने पर आपको मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर चार केले उनको अर्पित करने चाहिए और अनार का पौधा किसी बगीचे अथवा मंदिर में लगाना चाहिए। छोटे बालकों को गुड़ और चने का प्रसाद बांटना चाहिए।






हम आशा करते हैंं कि शनि गोचर 2025 आपके जीवन में खुशहाली और तरक्की लेकर आए और आप जीवन में कभी भी हताश न हों। हमारी वेबसाइट पर विजिट करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!




अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में शनि ग्रह कब वक्री होंगे?



शनि महाराज 13 जुलाई 2025 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे।




2. राहु 2025 में कब वक्री होंगे?



ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह माना जाता है जो सदैव वक्री

 अवस्था में आगे बढ़ते हैं इसलिए यह कभी वक्री या मार्गी नहीं होते हैं।




3. गुरु ग्रह 2025 में मार्गी कब होंगे?



बृहस्पति देव वृषभ राशि में 04 फरवरी 2025 को मार्गी हो जाएंगे।




  




राशिफल 2025

 

 

राशिफल 2025


राशिफल 2025 से आप जान सकते हैं कि नया साल आपके लिए क्‍या खास लेकर आ रहा है, इस साल आपके जीवन में किन क्षेत्रों में बदलाव आने की उम्‍मीद है और आपको कब एवं कैसे सफलता मिल सकती है। राशिफल 2025 में सभी राशियों का भविष्‍यफल बताया गया है, इसके साथ ही वर्ष 2025 को और अधिक अनुकूल बनाने एवं सकारात्‍मक परिणाम पाने के लिए कुछ ज्‍योतिषीय उपाय भी बताए गए हैं। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि राशि के अनुसार वर्ष 2025 आपके लिए अनुकूल साबित होगा या फिर आपको इस वर्ष नकारात्‍मक प्रभाव एवं समस्‍याओं का सामना करना पड़ेगा। इस राशिफल को लग्‍न राशि के अनुसार देखें।इसके अलावा आप हमारे इस विशेष वार्षिक राशिफल 2025 से अपने पारिवारिक जीवन, वैवाहिक जीवन और प्रेम जीवन के बारे में भी विस्तृत रूप से सभी जानकारी प्राप्त करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं हम अपने इस राशिफल में हर राशि के जातक को अपने नव वर्ष को सफल बनाने के लिए राशि अनुसार कुछ कारगर उपाय भी बताएंगे, जिसे अपनाकर आपको भविष्य में आने वाली अपनी हर समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।राशिफल 2025




इस राशिफल में हम आपको बताने वाले हैं कि यह नया साल आपके जीवन में क्या कुछ खास लेकर के आ रहा है। आपको इस वर्ष कैसे परिणाम मिलने वाले हैं? उन परिणामों को आप और बेहतर कैसे कर सकेंगे? आईए संक्षेप में जानते हैं कि साल 2025 आपके लिए कैसे परिणाम लेकर के आ रहा है? आपको बता दें कि इस राशिफल को लग्न राशि के अनुसार देखना ज्यादा उचित रहेगा।




मेष

मेष राशि वालों, राशिफल 2025 के अनुसार आपको औसत या फिर औसत से बेहतर परिणाम भी इस वर्ष मिल सकते हैं। विशेषकर मार्च के महीने तक शनि की विशेष कृपा से आप विभिन्न मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं इसके बाद परिणाम तुलनात्मक रूप से कुछ कमजोर रह सकते हैं। हालांकि विदेश आदि से संबंध रखने वाले लोगों को मार्च के बाद भी अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं। बृहस्पति का गोचर भी मई के मध्य तक आपके आर्थिक पक्ष को मजबूत रखना चाहेगा। अर्थात सामान्य तौर पर इस वर्ष आप अपने व्यापार व्यवसाय में अच्छा करते हुए देखे जाएंगे। फिर भी साल के दूसरे हिस्से में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की जरूरत रहेगी। विद्यार्थियों को भी इस वर्ष अपेक्षाकृत अधिक निष्ठावान बनाकर अध्ययन करने की आवश्यकता रहेगी। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी या जीवन संगिनी के स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। साथ ही साथ एक दूसरे के साथ संबंधों को मेंटेन करना भी जरुरी रहेगा। प्रेम प्रसंग के दृष्टिकोण से यह साल कुछ हद तक कमजोर रह सकता है।


उपाय: मां दुर्गा की नियमित रूप से पूजा अर्चना शुभ रहेगी।




वृषभ

वृषभ राशि वालों, राशिफल 2025 आपसे कुछ एक्स्ट्रा मेहनत करवाने के संकेत दे रहा है लेकिन मेहनत के अच्छे परिणाम देने का काम भी कर सकता है। विशेषकर मार्च 2025 तक शनि देव आपसे एक्सट्रा मेहनत करवाने के बाद अच्छे परिणाम देते हुए प्रतीत हो रहे हैं। वही मार्च 2025 के बाद मेहनत के पूरे परिणाम मिल सकते हैं। अर्थात एक्स्ट्रा मेहनत करने की जरूरत नहीं रहेगी, बल्कि जैसी मेहनत वैसे परिणाम। वहीं राहु का गोचर मई तक आपके लिए काफी अच्छी परिणाम देने का संकेत कर रहा है। मई के बाद कार्यक्षेत्र में कुछ उलझने रह सकती हैं। ऐसे में शनि और राहु दोनों की स्थितियों को देखकर ऐसा लगता है की कठिनाई तो पूरे वर्ष बरकरार रह सकती है लेकिन कठिनाई के बाद काम सफल होंगे और अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। बृहस्पति का गोचर भी आर्थिक मामले में आपकी मेहनत के अनुरूप आपको अच्छे परिणाम देने और दिलाने का संकेत कर रहा है। शिक्षा के दृष्टिकोण से यह वर्ष अच्छा रह सकता है। वहीं विवाह और वैवाहिक जीवन से संबंधित मामलों के लिए भी इस वर्ष को अच्छा कहा जाएगा। प्रेम संबंध के लिए भी साल 2025 सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकता है।


उपाय: शरीर में चांदी धारण करना शुभ रहेगा।




मिथुन

मिथुन राशि वालों, साल 2025 तुलनात्मक रूप से बेहतर साल रह सकता है। अर्थात 2025 की तुलना में साल 2025 ज्यादा अच्छा रह सकता है। मार्च तक शनि देव भाग्य के माध्यम से कुछ सपोर्ट देना चाहेंगे। वहीं इसके बाद आपसे अधिक मेहनत लेकर अच्छे परिणाम भी दे सकते हैं। अर्थात यह साल मेहनत तो करवाएगा लेकिन परिणाम तुलनात्मक रूप से बेहतर और संतोषप्रद रह सकते हैं। राहु के गोचर को देखते हुए अपने बड़े बुजुर्गों और सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध रखने की कोशिश जरूरी रहेगी। पुरुषार्थ करने के साथ-साथ धर्म, अध्यात्म और परमात्मा के प्रति निष्ठा भी जरूरी रहेगी। तभी मानसिक शांति बरकरार रह सकेगी। जिसका प्रभाव आपके काम धंधे और व्यक्तिगत जीवन पर नजर आएगा। वहीं आध्यात्म से दूरी मानसिक चिंता बढ़ाने का काम कर सकती है। बृहस्पति का गोचर मई के महीने तक कमजोर लेकिन बाद में तुलनात्मक रूप से अच्छे परिणाम देना चाहेगा। अतः राशिफल 2025 के अनुसार आर्थिक मामले में इस साल आप मिले जुले परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। परिणाम एवरेज से बेहतर भी रह सकते हैं। निजी जीवन में भी मई के बाद वाला समय ज्यादा अच्छा रह सकता है। मामला प्रेम प्रसंग का हो या फिर दांपत्य जीवन का; मई के बाद आप तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। विद्यार्थीगण भी मई के बाद ज्यादा अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।


उपाय: उपाय के रूप में जब भी संभव हुआ करे, कम से कम 10 नेत्रहीनों को भोजन करवाएं।




कर्क

कर्क राशि वालों, साल 2025 आपको बड़ी समस्याओं से राहत दिलाने का काम कर सकता है। विशेषकर मार्च के बाद आपको पिछली समस्याओं से निजात मिल सकती है और आपके भीतर एक नई ऊर्जा तथा नई स्फूर्ति देखने को मिल सकती है। बड़े बुजुर्गों के मार्गदर्शन से आप बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। समस्याएं अभी पूरी तरह से दूर होती हुई नहीं नजर आ रही है लेकिन समस्याओं के कम होने से आप राहत की सांस ले सकेंगे। मई तक अच्छे लाभ के योग निर्मित हो रहे हैं। वहीं मई के बाद खर्च भी बढ़ सकते हैं। हालांकि विदेश या जन्म स्थान से दूर रहने वाले लोगों को मई के बाद भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं लेकिन अन्य लोगों को आर्थिक और पारिवारिक मामलों में मई के बाद एक्स्ट्रा समझदारी और जागरूकता दिखाने की आवश्यकता रहेगी। राहु का गोचर भी मई के बाद तुलनात्मक रूप से कमजोर हो सकता है। अतः बीच-बीच में अप्रत्याशित रूप से कुछ परेशानियां रह सकती हैं। प्रेम विवाह और दांपत्य संबंधी मामलों के लिए मई तक का समय तुलनात्मक रूप से बेहतर कहा जाएगा। विद्यार्थीगण भी मई के पहले ही अपनी पढ़ाई की गति को मेंटेन कर लेंगे तो आगे आने वाले समय में भी अनुकूल परिणाम मिलते रहेंगे।


उपाय: पीपल के पेड़ पर नियमित रूप से जल चढ़ाएं।






सिंह

सिंह राशि वालों, साल 2025 कुछ मामलों के लिए अच्छा तो कुछ मामलों के लिए कमजोर रह सकता है। अर्थात यह साल सामान्य तौर पर मिले-जुले परिणाम दे सकता है। मार्च के महीने शनि का गोचर एवरेज तो वहीं मार्च के बाद कमजोर परिणाम दे सकता है। लिहाजा व्यापार व्यवसाय और नौकरी से जुड़े मामलों में कुछ कठिनाइयां या परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। नौकरी में स्थानांतरण या परिवर्तन करने की भी स्थितियां निर्मित हो सकती हैं। फलस्वरुप घर से दूर भी रहना पड़ सकता है। हालांकि आर्थिक मामले में यह साल सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम दे सकता है। क्योंकि साल की शुरुआत में बृहस्पति की दृष्टि धन स्थान पर रहेगी। वहीं बाद में बृहस्पति लाभ भाव में पहुंचकर विभिन्न माध्यमों से लाभ करवाना चाहेगा। अर्थात कामों में कुछ कठिनाइयां लेकिन आर्थिक मामले में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। निजी संबंधों में भी मई के बाद का समय ज्यादा अच्छे परिणाम दे सकता है। विवाह से संबंधित मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। संतान आदि से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। वहीं शिक्षा से संबंधित मामलों में भी मई के बाद का समय ज्यादा अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है।


उपाय: प्रत्येक चौथे महीने बहते हुए शुद्ध जल में, जटा वाले छह नारियल बहाएं।




कन्या

कन्या राशि वालों, साल 2025 आपके लिए एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। हालांकि शनि के गोचर की बात की जाए तो शनि साल की शुरुआत से लेकर मार्च महीने तक काफी अच्छी परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। वहीं बाद में शनि का गोचर कुछ मामलों में कमजोर परिणाम दे सकता है। वहीं बृहस्पति का गोचर मई के मध्य तक काफी अच्छे परिणाम दे रहा है, जबकि बाद में मिले-जुले परिणाम दे सकता है। इन सबके बीच अनुकूल बात यह रहेगी कि मई के बाद आपके प्रथम और सप्तम भाव से राहु केतु का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। फलस्वरुप व्यापार व्यवसाय में आ रही अड़चने दूर होंगी। दांपत्य संबंधी मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिलेगी। विवाह के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर होंगी। स्वास्थ्य में भी तुलनात्मक रूप से बेहतरी देखने को मिल सकती है। राशिफल 2025 के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। इस तरह से हम पाते हैं कि कुछ एक मामलों को छोड़कर ज्यादातर मामलों में यह साल आपके लिए अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है।


उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाएं।




तुला

तुला राशि वालों, साल 2025 आपके लिए अधिकांश मामलों में काफी अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। विशेषकर मई के बाद की स्थितियां काफी अच्छी रह सकती हैं। मार्च के महीने से शनि ग्रह के गोचर की अनुकूलता आपकी पुरानी समस्याओं को दूर करके उन्नति के नए द्वार खोल सकती है। विशेषकर नौकरी आदि से संबंधित मामलों में काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। आपकी सोचने की शक्ति और प्रखर होने के कारण आप अब बेहतर योजना बनाकर व्यापार व्यवसाय में भी अच्छा कर सकेंगे। विद्यार्थीगण के जीवन में आ रही कठिनाइयां भी दूर होंगी। मई मध्य के बाद बृहस्पति ग्रह की अनुकूलता भी बड़ी कठिनाइयों को दूर करने का काम करेगी। भाग्य बेहतर ढंग से साथ देगा। बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन जीवन में तरक्की के द्वार खोलेगा। यदि आप विद्यार्थी हैं तो बृहस्पति शिक्षा के मामले में मदद करेगा। वहीं अन्य लोगों को आर्थिक मामले में बृहस्पति के द्वारा अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। मई मध्य के बाद का समय प्रेम, विवाह, वैवाहिक जीवन आदि से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता देने का काम कर सकता है।


उपाय: माँस, मदिरा व अश्लीलता आदि से दूर रहना उपाय की तरह काम करेगा।




वृश्चिक

वृश्चिक राशि वालों, साल 2025 आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। एक ओर जहां मार्च के बाद शनि का गोचर चतुर्थ भाव से अपनी नकारात्मकता समेटता हुआ प्रतीत हो रहा है, वहीं मई से राहु का गोचर चतुर्थ भाव में हो जाएगा। अतः कुछ बड़ी और पुरानी समस्याएं दूर हो सकती हैं लेकिन नए सिरे से भी पुनः कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। हालांकि यदि आपको पेट या मस्तिष्क से संबंधित कुछ परेशानियां पिछले दिनों से रही हैं, तो उनमें आपको राहत देखने को मिल सकती है। बृहस्पति का गोचर भी मई मध्य तक सप्तम भाव से आपको अच्छी खासी अनुकूलता देता हुआ प्रतीत हो रहा है लेकिन मई मध्य के बाद बृहस्पति अष्टम भाव में जाकर कुछ कमजोर हो जाएंगे। हालांकि दूसरे भाव पर प्रभाव डालने के कारण कोई बड़ी आर्थिक समस्या नहीं आएगी लेकिन आमदनी के स्रोत कुछ हद तक धीमें रह सकते हैं। शिक्षा से संबंधित मामलों के लिए भी मई तक का समय अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल कहा जाएगा। विवाह, सगाई, प्रेम प्रसंग और संतान आदि से संबंधित मामलों के लिए भी मई मध्य से पहले का समय ज्यादा अच्छा कहा जाएगा।


उपाय: प्रत्येक चौथे महीने बहते हुए शुद्ध जल में 400 ग्राम धनिया बहाना शुभ रहेगा।




धनु

धनु राशि वालों, साल 2025 कुछ अच्छे तो कुछ कमजोर परिणाम भी दे सकता है। एक ओर जहां मार्च 2025 तक शनि का गोचर आपके लिए पूरी तरह से अनुकूल है तो वहीं मई तक बृहस्पति का गोचर कमजोर रहेगा। मई मध्य के बाद बृहस्पति का गोचर आपके लिए अनुकूल हो जाएगा। तो वहीं मार्च के बाद शनि का गोचर कमजोर हो जाएगा। इस तरह से ये दोनों प्रमुख गोचर कुछ अच्छे तो कुछ कमजोर परिणाम दे सकते हैं। हालांकि सकारात्मक परिणामों की अधिकता रहेगी क्योंकि राहु का गोचर मई के बाद से चतुर्थ भाव से अपनी नकारात्मकता दूर कर लेगा। फलस्वरुप घर गृहस्थी से संबंधित कुछ परेशानियां दूर भी होंगी अथवा पुरानी समस्याएं दूर होकर शनि के कारण कुछ नहीं समस्याएं पैदा हो सकती हैं लेकिन फिर भी बदलाव की ऊर्जा मन को तुलनात्मक रूप से प्रसन्न करने का काम कर सकती है। बृहस्पति का गोचर आर्थिक मामले में अनुकूलता देता रहेगा। फलस्वरूप कोई आर्थिक विपन्नता नहीं आएगी जबकि मई के बाद आमदनी के स्रोतों में बढ़ोतरी भी देखने को मिल सकती है। मई के बाद का समय प्रेम, दांपत्य, विवाह और शिक्षा आदि से संबंधित मामलों में बेहतर परिणाम देने का काम कर सकता है।




मकर

मकर राशि वालों, साल 2025 आपको पुरानी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में अच्छा खासा मददगार बन सकता है। ऐसी समस्याएं जिन्हें आप लंबे समय से दूर नहीं कर पाए थे, उनके दूर होने के योग बनेंगे। घर परिवार में चल रही अशांति भी अब शांत हो जाएगी। यदि आप नौकरी इत्यादि में परिवर्तन करने की कोशिश करेंगे तो परिवर्तन भी संभव रहेगा। व्यापार व्यवसाय में भी परिवर्तन किया जा सकेगा। किसी नए व्यवसाय की शुरुआत भी संभव होगी। आप मानसिक रूप से काफी मजबूत रहेंगे। आपके निर्णय लेने की क्षमता और मजबूत होगी। बीच-बीच में कहीं से अच्छे समाचार भी सुनने को मिल सकते हैं। इन सबके बावजूद भी मई के बाद आर्थिक और पारिवारिक मामले में जागरूक रहना समझदारी का काम होगा। क्योंकि मार्च के बाद से भले ही शनि का प्रभाव दूसरे भाव से दूर हो रहा है लेकिन मई के बाद से राहु का प्रभाव शुरू हो जाएगा। अतः समस्याएं तुलनात्मक रूप से काफी हद तक काम हो जाएगी लेकिन छोटे-मोटे व्यवधान अब भी रह सकते हैं, विशेषकर आर्थिक और पारिवारिक मामलों में। अतः इन मामलों में सचेत रहना समझदारी का काम होगा। मई मध्य से पहले का समय प्रेम प्रसंग के लिए अनुकूल रहेगा। विवाह और वैवाहिक जीवन से संबंधित मामलों के लिए भी अनुकूलता दे सकेगा लेकिन मई मध्य के बाद इन मामलों के लिए समय कम सपोर्ट कर पाएगा। विद्यार्थियों के लिए सामान्य तौर पर पूरा वर्ष ही किसी न किसी तरह से मददगार बनता रहेगा।


उपाय: प्रत्येक तीसरे महीने पुजारी को पीले कपड़े दान करना शुभ रहेगा।




कुंभ

कुम्भ राशि वालों, साल 2025 आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कुछ मामलों में आपको एवरेज से बेहतर परिणाम भी मिल सकते हैं। एक ओर जहां मार्च के बाद शनि का प्रभाव प्रथम भाव से दूर हो रहा है जो आपके भीतर नई स्फूर्ति, नई ऊर्जा देने का काम करेगा। आप रुके हुए कामों को गति दे सकेंगे। यात्राओं के माध्यम से भी लाभ प्राप्त कर सकेंगे। वहीं मई के बाद राहु का प्रथम भाव में गोचर इसी तरह की परेशानियां फिर से दे सकता है। हालांकि परेशानियों का स्वरूप छोटा और कमजोर रह सकता है अर्थात पहले की तुलना में परेशानियां कम होगी लेकिन पूरी तरह से दूर नहीं हो पाएंगे। अतः अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए अपनी वास्तविक ऊर्जा के अनुरूप कार्य व्यवहार करना समझदारी का काम होगा। इससे आपका स्वास्थ्य भी अनुकूल बना रहेगा और आपके काम भी धीरे-धीरे करके पूरे होने लग जाएंगे। इस वर्ष माता के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी रहेगा। हालांकि इन सारे हालातों के बावजूद मई मध्य के बाद बृहस्पति के गोचर की अनुकूलता आपको विभिन्न मामलों में अच्छी सफलता दिला सकती है। यदि आप विद्यार्थी हैं तो मई मध्य के बाद आपको काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। प्रेम संबंध के लिए भी गुरु का यह गोचर अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। सगाई, विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए भी बृहस्पति का यह गोचर अच्छा अनुकूल रहेगा लेकिन वैवाहिक जीवन में केतु बीच-बीच में छोटी-मोटी परेशानियां देना चाहेगा। तो वहीं बृहस्पति उन परेशानियों को दूर करना चाहेगा। अर्थात परेशानियां आएंगी लेकिन जल्दी ही ठीक हो जाएंगी। इसी तरह कार्य व्यवसाय नौकरी इत्यादि में भी छोटी-मोटी विसंगतियों के बाद सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहेगा। सारांश यहां की इस वर्ष विभिन्न मामलों में छोटी-मोटी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं लेकिन आप अपने पुरुषार्थ और अच्छी योजनाओं के कारण उन परेशानियों को दूर कर सफलता प्राप्त करते रहेंगे।


उपाय: गले में चांदी की चेन पहनना शुभ रहेगा।




मीन

मीन राशि वालों, साल 2025 आपके लिए मिला जुला रह सकता है। एक ओर जहां मई के बाद आपके प्रथम भाव से राहु का प्रभाव दूर होकर आपके तनाव को दूर कर शांति देने का काम करेगा, वहीं मार्च के बाद से ही शनि देव आपके प्रथम भाव पर पहुंच जाएंगे और आपके भीतर अलस्य के भाव दे सकते हैं। फलस्वरुप आप अपने कार्य व्यापार को लेकर कुछ हद तक लापरवाह भी हो सकते हैं। यदि आप लापरवाह होने से बचेंगे और पूरे समर्पण के साथ काम करेंगे तो परिणाम अच्छे भी रह सकते हैं। बृहस्पति का गोचर भी इस वर्ष आपको मिले-जुले परिणाम देता रहेगा। मई मध्य से पहले बृहस्पति लाभ भाव को देखकर आपको अच्छा लाभ करवाना चाहेंगे। वहीं मई मध्य के बाद आपको आपकी ईमानदारी के अच्छे फल प्रतिफल मिलने के योग बनेंगे। घर से दूर रहने वाले विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। घर से दूर रहकर कमाई करने वाले लोगों को भी अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। बाकी जन्मभूमि के आसपास रहकर काम करने वाले लोगों को अपने काम के प्रति थोड़ा सा असंतोष रह सकता है। फिर भी ओवरऑल इस वर्ष को हम आपके लिए मिला-जुला या कुछ मामलों में एवरेज से कुछ अब तक बेहतर भी कह सकते हैं।


उपाय: स्वयं को शुद्ध और सात्विक बनाए रखते हुए बंदरों को गुड़ और चना खिलाना शुभ रहेगा।




अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. वर्ष 2025 की सबसे भाग्यशाली राशि कौन सी है?


तुला राशि को वर्ष 2025 में जीवन के विभिन्न मोर्चों पर अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। इस वर्ष आपको भाग्य का साथ मिलेगा और आप तरक्की मिलेगी।


2. वर्ष 2025 में वृश्चिक जातकों का अच्छा समय कब से शुरू होगा?


यह वर्ष आपके जीवन के सबसे बेहतरीन वर्षों में से एक हो सकता है। मई के पहले का समय विशेष रूप से आपके लिए काफी शुभ रहने वाला है।


3. क्या वर्ष 2025 कुम्भ राशि के लोगों के लिए शुभ साबित होगा?


कुम्भ राशि के जातकों को वर्ष 2025 में जीवन के विभिन्न मोर्चों पर मिश्रित परिणाम हासिल होंगे। इस वर्ष आपकी परेशानियाँ काफी हद तक दूर होंगी और जीवन में स्थिरता आएगी।


4. वर्ष 2025 में कौन सा चीनी नव-वर्ष मनाया जाएगा?


चीनी नववर्ष 2025 सर्प वर्ष है, विशेष रूप से पृथ्वी सर्प वर्ष , जो 29 जनवरी 2025 से शुरू होकर 16 फरवरी 2026 तक चलेगा।


5. वर्ष 2025 की सबसे भाग्यशाली राशियाँ कौन-कौन सी हैं?


वृषभ राशि, कन्या राशि, तुला राशि,मकर राशि